Ganga Mahotsav 2022: सुरों की अठखेलियों संग सुरमयी हुई गंगा महोत्सव की पहली निशा, नृत्य सतरिया के रंग बिखरे
राजघाट के मुक्ता काशीय मंच पर गंगा महोत्सव का शुभारंभ आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु और स्टांप मंत्री रविंद्र जायसवाल ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कार्यक्रम की पहली प्रस्तुति रामजन्म योगी के शंखनाद की रही।
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शिव की नगरी काशी में उत्तरवाहिनी के तट पर संत शंकरदेव की परंपरा के अनुसार असमिया नृत्य सतरिया के रंग बिखरे। गंगा महोत्सव के मंच पर पहली बार असमिया कलाकारों की प्रस्तुति ने दर्शकों को अंत तक बांधे रखा। अंतिम प्रस्तुति होने के बाद भी मुक्ताकाशी मंच पर दर्शकों की उत्सुकता अंत तक बनी रही। शनिवार की शाम को तीन दिवसीय गंगा महोत्सव का शंखनाद से श्रीगणेश हुआ।
राजघाट के मुक्ता काशीय मंच पर गंगा महोत्सव का शुभारंभ आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु और स्टांप मंत्री रविंद्र जायसवाल ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कार्यक्रम की पहली प्रस्तुति रामजन्म योगी के शंखनाद की रही। अनवरत शंखनाद की ध्वनि ने पूरे माहौल में भक्ति का रस घोल दिया।
इसके बाद दुर्गा प्रसाद प्रसन्ना का शहनाई वादन, रुचि मिश्रा का कथक, सम्यक पराशरी का बांसुरी वादन, राजीव कुमार मलिक का शास्त्रीय गायन, विशाल कृष्णा का कथक नृत्य, राहुल रोहित मिश्रा का शास्त्रीय गायन तथा कृष्णाक्षी कश्यप (आसाम) ने सतरिया नृत्य की प्रस्तुति दी। कजाकिस्तान से आई विशेष अतिथि एगेरिम सानबायेवा और असेम उकि शेवा मौजूद रहे।
स्टांप मंत्री रविंद्र जायसवाल ने कहा कि गंगा के तट पर सौंदर्य एवं मनोरम माहौल का वाद्य-वृंद रचनाओं के साथ मिश्रण एक ऐसा अनूठा अनुभव है, जो शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता है। मुख्य अतिथि आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु ने कहा कि गंगा महोत्सव काशी के उभरते हुए कलाकारों के लिए बहुत बड़ा मंच है।