इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 68 हजार करोड़ रुपये के शाइन सिटी बिग स्कैम की जांच में तेजी लाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), सीरियस फ्राड जांच कार्यालय (एसएफआईओ) और यूपी आर्थिक अपराध शाखा की जांच की सुस्ती पर असंतुष्टि जताई है।
जेल में बंद कंपनी के डायरेक्टर पॉवर ऑफ अटॉनी देकर जमीन की बिक्री कर रहे हैं। पैसा विदेशों में बैठे आरोपी ले रहे हैं। क्रिप्टो करंसी का इस्तेमाल हो रहा। यू ट्यूब पर दुबई के टापू पर जनता को आकर्षित किया जा रहा है और एजेंसियों को पता नहीं चल रहा है।
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 68 हजार करोड़ रुपये के शाइन सिटी बिग स्कैम की जांच में तेजी लाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), सीरियस फ्राड जांच कार्यालय (एसएफआईओ) और यूपी आर्थिक अपराध शाखा की जांच की सुस्ती पर असंतुष्टि जताई है। कहा, जनता का पैसा लेकर आरोपी नई-नई कंपनियां खोलकर पैसे की अदला-बदली कर रहे हैं।
जेल में बंद कंपनी के डायरेक्टर पॉवर ऑफ अटॉनी देकर जमीन की बिक्री कर रहे हैं। पैसा विदेशों में बैठे आरोपी ले रहे हैं। क्रिप्टो करंसी का इस्तेमाल हो रहा। यू ट्यूब पर दुबई के टापू पर जनता को आकर्षित किया जा रहा है और एजेंसियों को पता नहीं चल रहा है। कोर्ट ने तीनों एजेंसियों को आपस में समन्वय बनाकर जांच में तेजी लाने का निर्देश दिया। अगली सुनवाई 21 नवंबर को होगी।
कोर्ट ने शाइन सिटी कंपनी के पूरे एसेट्स का डाटा पेश करने को भी कहा है। साथ ही कंपनी के सीएमडी राशिद नसीम की ओर से यूट्यूब सहित अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से जारी किए जा रहे संदशों पर भी कार्रवाई का आदेश दिया है। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल तथा न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की खंडपीठ ने श्रीराम की याचिका पर दिया है।
ईडी की संयुक्त निदेशक रमन जीत कौर सेट्ठी, एसएफआईओ के संयुक्त निदेशक नितिन श्रीवास्तव और महानिदेशक आरके विश्वकर्मा कोर्ट में पेश हुए। ईडी के संयुक्त निदेशक ने जांच रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में प्रस्तुत किया लेकिन कोर्ट ने सीलबंद रिपोर्ट लेने से मना कर दिया। कहा, जो भी जांच रिपोर्ट हो उसे हलफनामे पर दिया जाए।